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Monday, April 11, 2011

इन दस नेताओं ने बदल दी थी देश की तकदीर

इन दस नेताओं ने बदल दी थी देश की तकदीर
माओ ने कहा था कि सत्ता बंदूक की नली से निकलती है। लेकिन हम ऐसे नेताओं के बारे में बात करने जा रहे हैं जिन्होंने बेहद क्रूर और आतताई सत्ताओं को जनसहयोग के सहारे उखाड़ फेंका। आपको क्या लगता है, क्या क्रांति के लिए बंदूक उठाना जरुरी है विश्व इतिहास में इन नेताओं के योगदान को पढ़िए और जाहिर कीजिए अपनी राय।



1. अब्राहम लिंकन 1809-1865 : अमेरिका जो आज पूरी दुनिया को दिशा देने का काम कर रहा है वो किसी जमाने में दासता जैसी बेहद शर्मसार कर देने वाली बुराई से जूझ रहा था। समस्या इतनी बढ़ गई थी कि गृह-युद्ध की स्थिती पैदा हो गई। राष्ट्र को इस स्थिती से निकालने और भेद-भाव रहित समाज की स्थापना के लिए दुनिया भर में जिस व्यक्तित्व को जाना जाता है उसे अब्राहम लिंकन कहते हैं। अमेरिका के इस 16वें राष्ट्रपति की 1865 में हत्या ने उन्हे इतिहास में सदा के लिए अमर कर दिया।
2). नेल्सन मंडेला 1918 : दक्षिण अफ्रीका के इस अश्वेत नेता ने नस्ल-भेद और रंगभेद से जूझ रहे देश में उस वक्त क्रांति का बिगुल बजाया जब पूरी दुनिया इस समस्या के प्रति मूकदर्शक बनी हुई थी। उन्होने एक लोकतान्त्रिक राष्ट्र और भेदभाव रहित समाज का सपना देखा और जीते जी उसे सच में तब्दील कर दिया। उनके इस योगदान के लिए 1993 में उन्हे नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कि या गया।
3. सन यात सेन 1866-1925 : अपने क्रांतिकारी विचारों की वजह से इन्हे आधुनिक चीन का जन्मदाता कहा जाता है। चीन को निरंकुश राजतंत्र से मुक्त कराने और 1912 में रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना करने में इस शख्स की भूमिका के लिए इन्हे पूरी दुनिया में जाना जाता है।
4. यासर अराफात 1929-2004 : मध्य-पूर्व एशिया में इजराईल-फिलीस्तीन संघर्ष को दुनिया के सबसे विवादित मुद्दो में गिना जाता है। इस संघर्ष में फिलीस्तीनी लोगों की समस्या और उनके विचारों को दुनिया तक पहुंचाने का पहला सफल प्रयास अराफात ने ही किया। उनके इस संघर्ष को 1990 में मिले शांति के नोबेल पुरस्कार ने पूरे विश्व में लोकप्रिय बना दिया।
5. जोसेफ स्टालिन 1879-1953 : अपनी आर्थिक नीतियों और भष्टाचार के खिलाफ उठाए गये कठोर कदमों की वजह से इस शख्स ने सोवियत संघ के मजदूर वर्ग के बीच बेहद लोकप्रियता अर्जित की। उनकी पंचवर्षीय योजनाएं और द पर्ग्यू पॉलिसी ने सोवियत संघ का स्वरुप ही बदल दिया था।
6. फिदेल कास्त्रो 1926 : क्यूबा के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के तौर पर इस व्यक्ति ने लगभग पांच दशकों तक देश की बागडोर संभाली। पूंजीवाद विरोधी विचारों और एशिया में अमेरिकी हस्तक्षेप की इन्होने खुलकर आलोचना की।
7. आंग सान सू ची 1945 : दुनिया के जीवित महानतम अहिंसावादी नेताओं और लोकतंत्र समर्थकों में सू ची का नाम सबसे ऊपर लिया जाता है। म्यांमार में तानाशाही शासन के खिलाफ संघर्ष करते हुए इन्होने अपना ज्यादातर जीवन जेल में ही बिताया है। 1991 में शांति के नोबेल पुरस्कार के द्वारा उनके अहिंसात्मक संघर्ष को विश्व में एक नई पहचान दिलाई।
8. मिखाइल गोर्बाचेव 1931 : अमेरिका और सोवियत संघ के बीच चले शीत युद्ध की छाया ने विश्व के अस्तित्व पर खतरा पैदा कर दिया था। इस संघर्ष को समाप्त करने और सोवियत संघ पर कम्यूनिस्ट पार्टी के बर्चस्व को समाप्त करने वाले इनके क्रांतिकारी कदमों ने इन्हे पूरी दुनिया में एक उदारवादी नेता के रुप में स्थापित कर दिया।
9. गमाल अब्देल नासिर 1918-1970 : आधुनिक विश्व और अरब के इतिहास में नासिर को सबसे महत्वपूर्ण नेताओं में गिना जाता है। अंग्रजों के खिलाफ मिश्र के संघर्ष और वहां तानाशाही का खात्मा कर लोकतंत्र की स्थापना में इनके योगदान के लिए पूरे विश्व में इन्हे सम्मान दिया जाता है। एशियाई देशों के बीच शुरु किये गये गुटनिरपेक्ष आंदोलन का इन्हे जनक माना जाता है।
10. महात्मा गांधी 1869-1948 : विश्व इतिहास में इनके योगदान को विंसेट चर्चिल के इस कथन से समझा जा सकता है जिसमें उन्होने कहा था कि आने वाली पीढ़ियों को ये विश्वास नही होगा कि धरती पर कोई ऐसा इंसान भी पैदा हुआ होगा। ब्रिटेन जैसे सर्वशक्तिमान राष्ट्र के औपनिवेशिक कब्जे से बिना हिंसा के ही भारत को मुक्त करा देने की उनकी क्षमता ने उन्हे जीते जी महात्मा बना दिया।

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