क्या देश प्रेम का मतलब सिर्फ भ्रष्ट्र क्रिकेट के हार-जीत तक ही सीमीत है????
क्या देश प्रेम का मतलब सिर्फ भ्रष्ट्र क्रिकेट के हार-जीत तक ही सीमीत है. आन्ना हजारे , किरण बेदी ,केजरीवाल रविशंकर जी इनका लोकपाल बिल अभियान देश के लिए , तुम्हारे हमारे भले के लिए नहीं है? छोटे दीपक की आग को तेज हवा बुझा डालती है, लेकिन वही तेज हवा वन मे लगी आग को बढने मे सहायता देती है, यह एक दृढ तथ्य है कि कमजोर की कोई सहायता नही करता.. आज हम एकजुट हैं तो अभी एक पार्टी समर्थन देने के लिये सहमत हुई यदि ये एकजुटता और बढेगी तो सभी समर्थन देंगे और जनलोकपाल बिल को पास करने के लिये मजबूर होंगे..
क्या आप ये तस्वीर बदलना नहीं चाहते?
.
No comments:
Post a Comment