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Monday, February 7, 2011

फ़िल्मी गीतकार की माफ़ी नया दौर दिलीपकुमार
ये देश हैं वीर जवानो का
अलबेलों का मस्तानो का
 इस देश का यारों क्या कहना ,
ये देश है दुनिया का  बदनाम
ओ... ओ
होता है नित नया घोटाला यंहा.
प्रगति के इनके दावे झूठे.
फ्लाय ओवर चलने  से  पहले गिरते है.   ओ... ओ... ओ... ओ... हुर्र हे !! हा!!
तिरंगा लहराना जुर्म यंहा
अंतकवादी मजे में रहते यंहा
गुरु कसाब के लिये दिलदार है हम 

भगवे के लिये दुश्मन है हम  ओ... ओ... ओ... ओ...
 

चलता है यंहा माफिया राज
बिकता है  सब नकली माल यंहा ,
रस्ते में पोलिस ही लुटती  हमें 
किसान करता रोज आत्महत्या यंहा 

 मिलाता नही  खाने को हमें अन्नाज यंहा
फिर भी बनती है शराब अन्नाज से यंहा ओ... ओ... ओ... ओ... हुर्र हे !! हा!!
 

बिकते खासदार मंत्री यंहा
१०० में से ९९ बेईमान यंहा
फिर भी है मेरा देश महान   ओ... ओ... ओ... ओ... हुर्र हे !! हा!!


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