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Sunday, January 16, 2011

नकली चेहरा सामने आये, असली सूरत छुपी रहे,

क्या मिलिए ऐसे लोगों से, जिनकी फितरत छुपी रहे, नकली चेहरा सामने आये, असली सूरत छुपी रहे,
क्या मिलिए ऐसे लोगों से, जिनकी फितरत छुपी रहे, नकली चेहरा सामने आये,
असली सूरत छुपी रहे,
खुद से भी जो खुद को छुपाये,
क्या उनसे पहचान करें,
क्या उनके दामन से लिपटें?,
क्या उनका सम्मान करें?,
जिनकी आधी नीयत उभरे,
आधी नीयत छुपी रहे,
नकली चेहरा सामने आये,
असली सूरत छुपी रहे
 दिलदारी का ढोंग रचाकर,
जाल बिछाए बातों का,
जीते जी का रिश्ता कहकर,
सुख ढूंढें कुछ रातों का,
रूह की हसरत लाभ पर आये,
जिस्म की हसरत छुपी रहे,
नकली चेहरा सामने आये,
असली सूरत छुपी रहे
 जिनके ज़ुल्म से दुखी है जनता,
हर बस्ती हर गावों में,
दया धरम की बात करें वो,
बैठ के सजी सभाओं में,
दान का चर्चा घर घर पहुंचे,
लूट की दौलत छुपी रहे,
नकली चेहरा सामने आये,
असली सूरत छुपी रहे
 देखें इन नकली चेहेरों की,
कब तक जय जय कार चले,
उजले कपड़ों की तह में,
कब तक काला संसार चले,
कब तक लोगों की नज़रों से,
छुपी हकीकत छुपी रहे,
नकली चेहरा सामने आये,
असली सूरत छुपी रहे

 क्या मिलिए ऐसे लोगों से,
जिनकी फितरत छुपी रहे,
नकली चेहरा सामने आये,
असली सूरत छुपी रहे
क्या मिलिए ऐसे लोगों से, जिनकी फितरत छुपी रहे, नकली चेहरा सामने आये, असली सूरत छुपी रहे,
क्या मिलिए ऐसे लोगों से, जिनकी फितरत छुपी रहे, नकली चेहरा सामने आये,
असली सूरत छुपी रहे,
खुद से भी जो खुद को छुपाये,
क्या उनसे पहचान करें,
क्या उनके दामन से लिपटें?,

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