फुल खिलते है, लोग मिलते हैं मगर पतझड में जो फूल मुरझा जाते हैं वो बहारों के आने से खिलते नहीं सुबह आती है, रात जाती है, यूँही वक्त चलता ही रहता है, रुकता नहीं एक पल में ये आगे निकल जाता हैं आदमी ठीक से देख पाता नहीं और परदे पे मंजर बदल जाता हैं
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