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Wednesday, October 12, 2011

.ये पुडी सब्जी गये सात पुरखो से उसके यहां बनी नही..

राहुल गांधी उत्तर प्रदेश झांसी जिले के मेधकी गांव के मरौनीपुर इलाके में एक दलित के यहां बिना बताए पहुंच गए। आधी रात को कुंजीलाल के घर पहुंचे और वहां पूड़ी-सब्जी खाई। मिडिया के सामने महंगाई के खिलाफ चिल्लानेवाले वाले मध्यम वर्ग ने इससे कुच्छ सिखना चाहिये...... जो गरीब आधी  रात को घर आये मेहमान को पुडी-सब्जी खिला सकता है ,...... .............
 
 
 
.......तो हम सरकार के नाम से महंगाई के खिलाफ क्यों बोंब मारते है. ये बात मेरी समझ मे नही आती.  घर मे एक मेहमान आया तो हम अतिथी तुम कब जावोगे की रट लागते बैठते है......... मोन्टेकसिंग ने गरीबी की ३२ रुपयेवाली जो बात काही थी वो शतप्रतिशत सही है , ये बात  राहुलबाबाने गरीब के यहां पुडी-सब्जी वो भी आधी रात अचानक जाकर खाकर सही साबित की है........ अगर राहुलबाबा इस गरीब को पहले बता कर जाते तो उन्हे इस गरीबखाने मे  शाही लजीज चायनीज , इटालियन खाना पिज्जा पास्ता वो भी बढीया डायनिंग टेबल पर खाने को मिलता. क्यों की मेहमान हमारा होता जो जान से प्यारा होता है......ऐसी हमारी परंपरा है...........
अभी अभी खबर आयी है की.........मेधकी गांव के कुंजीलाल  घर के बाहर सरपर हाथ लगाकर बैठे है...... जबसे मिडीया ने राहुलबाबा ने  उनके यहां आधी रात  को पुडी-सब्जी का खाना खाया ये खबर दी,......  तब से उनके गाववाले और आसपास के  गाववाले देर आधी रात उनके यहां पुडी सब्जी खाने के लिये आ रहे है......  और तंग कर  रहे है . ............ये पुडी सब्जी गये सात पुरखो से उसके यहां बनी नही......ये बता बता  के वो थक गये........वो पुडी सब्जी तो सरकारी अफसर उनके यहां लेकर आये थे......साथ   मे  थाली बर्तन भी  उनके ही थे....... जो राहुल का खाना होते ही सब सामान और बची हुवी पुडी सब्जी भी वे अफसर  लोग लेके गये.......मेरे  पोते के लिये भी एक भी पुडी नही रखी..... ये दुख:डा मे किसे सुनाऊ........तो ये कडवा सच था राहुल बाबा के गरीब के झोप्झ्डी मे खाने का......

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