कृपया कुछ वक्त निकालकर ये व्हिडिओ टेप जरुर देखे. टाटा की भ्रष्ट्राचार के खिलाफ जो लढाई चल रही
है उसके जाहिरात के के टेप है ! रतन टाटा ने एक साल पहले ही मनमोहन सरकार को
जनता के क्रोध से अवगत कराया था! रतन टाटा ने कहा कि स्थिति बहोत खराब हुई
है। अगर आप भ्रष्टाचार में शामिल नहीं होते हैं तो आपका कारोबार पिछड़ जाता
है।
टाटा
ने कहा कि आपके पास युवा कर्मचारी होते हैं। वे मुझसे पूछते हैं कि आप
क्यों नहीं ऐसा करते [रिश्वत देते]! लेकिन मेरा जवाब होता कि मैं सिर ऊंचा
करके रहना पसंद करता हूं।
भारत 'बनाना
स्टेट' (आर्थिक और राजनीतिक मोर्चे पर अस्थिर) होता जा रहा है। न केवल
राजनीति बल्कि न्यायपालिका और सशस्त्र सेनाएं भी रिश्वत और भ्रष्टाचार के
दलदल में धंसती जा रही हैं। इस वर्ष के प्रमुख घोटालों में धन की चौंकाने
वाली लूट ने जनता को एकदम जड़ और शक्तिहीन बना दिया है। मगर जनता
हमारा क्या बिघाड़ेगी इस गुरुर में ये भ्रष्ट्र मस्तवाल सरकार थी , और जब
जनता का क्रोध अहिंसक मार्ग से ज्वालामुखी की तरह फट पड़ा तो सरकार के होश
उड़ गये.और पुरी सरकार डैमेज कण्ट्रोल करने के बजाय खुद डैमेज हो गयी.
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