आज महात्मा गाँधीजी आमरण अनशन्न की घोषणा करते तो ये सोनिया गाँधी सरकार
उन्हें जीवनभर की सजा सुना कर अंदमान के काल कोठडी में डाल देती. इससे और एक बात
साफ होती है की जन्हा अपनी ही सरकार अहिंसक आदोलोन करने वालोंसे ऐसा तानाशाही जैसा बर्ताव
करती और डरती नहीं तो इंग्रज भला अहिंसा आन्दोलन के डर के मारे भारत
क्यों छोड़ते? कांग्रेस अब तक झूठा प्रचार करके जनता को धोका देकर लुट रही
है. असल में दुसरे महायुद्ध से इंग्रज का बेहाल हुवा था और इतनी दूर से भारत पर राज चलाना क्रन्तिकारी की प्रखर विरोध से मुश्किल हो गया था. और इंग्रज शासन अपने अधिकारी जान और खतरे डालना नहीं चाहते थे. १८५७ जैसा उठाव फिर एकबार हुवा तो उनके अफसरों का कत्ले आम होना तय था. इतना जनमत विरोधी हो गया था.
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