ओसामा बिन लादेन को जिस तरह ओबामाने पाक में मिलटरी भेज कर मारा.... उससे पाक से जादा शोर भारत में होने लगा . जिधर उधर मिडिया में.... क्या भारत पाक में मिलिटरी घुसयेगा... और दाऊद को मारेगा..... इसकी महाचर्चा, आज का सवाल, सच्ची खबरे, सनसनी न्यूज चैनेल पर शुरू हो गयी ...वागले जैसे रिपोर्टर च्चिला च्चिला कर जनता क्या कहती है ... देखो ...परदे पर........कहने लग्गे... ..... एक दिन हमारे महान पंतप्रधान ने ये एपिसोड देखा और उन्हें भी ओबामा की तरह साहस कर के पाक पर हमल्ला करके दाऊद और भारत में अंतकवाद फ़ैलाने वाले दहशदवादी को मार गिराने की ललक पैदा होने लगी...... उन्होंने इस आयडिया की हायकमाड से चर्चा करने की योजना बनायीं......
इस साहस से वो एक तीर में अनेक शिकार करना चाहते थे. सबसे पहले तो वो...... लालकृष्ण आडवानी की शिकार करना चाहते थे .... उन्होंने..... उन्हें भारत का सबसे कमजोर प्रधान मंत्री कहा था ....उसका बदला लेना चाहते..... फिर कांग्रेसजनो और अखिर दहशदवादी का बदला जो लेना था..... और महत्वपूर्ण बात इससे जनता का बेईमानी... , महंगाई ...., भ्रष्ट्राचार.... पर से ध्यान बट जायेगा......आण्णा के साथ साथ बाबा भी योगा करते करते इस जंग में उतरने का ऐलान कर चुके थे...... इससे उन का सरदर्द और भी बढ़ गया था......
देर रात पंतप्रधान महोदय की कार का ताफा सफदरजंग रोड पर दाखल हुवा . हाय कमांड सारे महत्वपूर्ण निर्णय आधी रात को ही लेता था. हाय सिक्युरेटी गेट पर बिना कोई रोकठोक काफिला सीधा अन्दर दाखिल हुवा. पंतप्रधान को बिना तलाशी अन्दर छोड़ने का आदेश जो था...... नही तो कल मिडिया शुरू हो जाता .....पंतप्रधान की कार हायकमांड के सामने देर रात खड़ी थी , ....हाय कमांड ने मुलाकात के लिये वक्त नही दीया , हाय कमांड नाराज..... क्या पंतप्रधान के साथ ऐसा सलूक करना बराबर है??? देखिये परदेपर ....जनता क्या कहती है . इस साहस से वो एक तीर में अनेक शिकार करना चाहते थे. सबसे पहले तो वो...... लालकृष्ण आडवानी की शिकार करना चाहते थे .... उन्होंने..... उन्हें भारत का सबसे कमजोर प्रधान मंत्री कहा था ....उसका बदला लेना चाहते..... फिर कांग्रेसजनो और अखिर दहशदवादी का बदला जो लेना था..... और महत्वपूर्ण बात इससे जनता का बेईमानी... , महंगाई ...., भ्रष्ट्राचार.... पर से ध्यान बट जायेगा......आण्णा के साथ साथ बाबा भी योगा करते करते इस जंग में उतरने का ऐलान कर चुके थे...... इससे उन का सरदर्द और भी बढ़ गया था......
प्रधानजी ने हायकमांड को सारी बाते सविस्तर बताई और सास के जैसी हिम्मत करके पाक पर हल्ला बोल करके घावा करने का आग्रह किया.... हाय कमांड ने तुरंत उच्चस्तरीय सिर्फ कांग्रेसी मंत्रीगण की बैठक बुलायी ..... सहयोगी साथियों को भी दूर रखा गया..... मिडिया को खबर लगाने से पहले ही मिशन कामियाब हो सके. ...... मगर मीटिग में प्रस्ताव रखते ही खलबली मच गयी. इस साहस से देश का नाम रोशन होगा दुनियामे साख जमेगी , मगर पक्ष का क्या?? पक्ष को होनेवाले फायदे नुकसान का हिसाब शुरू हुवा..... धीमी धीमी आवाजे बढ़ने लगी. अगले साल इलेक्शन था....और इस साहस का उसपर बुरा असर हो सकता था. कच्चे तेल की समस्या थी उसपर बंदी लग सकती थी, अमेरिका की बात अलग थी वो ...देश सामर्थ्यशाली जो था ... पहले ही अमेरिका के दु:साहस से अल्पसंख्यक के मन में गुस्सा उबल रहा था उस में इस दु:साहस से आग में तेल छिड़कना जैसे था. एक ने तो कह दीया सरजी आपको क्या... हमें जनता के सामने वोट मागने के लिये जाना पड़ता है......आप तो पिछली दरवाजे से चुन के आते है , इतना ही नही आप साधा मतदान भी करते नही........ शोर बढ़ने लगा कोई सुनने को तैयार नही था.........
फोन पर हांजी हांजी करते करते हायकमांड को देखते देखते सब चौक गए.....और खुश होने लगे ..... हायकमांड ने फोन बंद कीया...... और पाक पर हमल्ला करने का इरादा रद्द कर दीया....... सब परेशान हुवे अखिर फोन था किसी का.???.... समझ में नही आ रहा था...... सब चुपचाप बाहर चल बसे ..... फोन किसका था ये पूछने की एक मे भी हिम्मत नहीं थी.. ........
पंतप्रधानजी भी घर पहुंचे.... आखिर ये फोन था किसकाथा... जिसने उनके इरादों पर पानी फेर दीया. ... सोचते सोचते उनके दिमाग में घंटिया बजने लगी.... अखिर फोन था किसी का ??.......इतने में उनके खास फोन की घंटी बजने लगी .....उन्होंने फोन उठाया और सामने वाले आदमी ने जो मालूमात दी वो सुनके की वो दंग रह गये ........हायकमांड का फोन टैपिंग करने वाले उनके खास जासूस ने फोन किस का था ये बता दीया....... ये फोन टैपिंग का राज सिर्फ वो और फोन करने वाला ही जनता था .......रिकार्ड पर खुछ नही था...अखिर गये पचास साल का नौकरशाही और १० साल का मंत्री के काम तजुर्बा काम आ गया.... और वो अफसरशाह मंत्री बन गये थे... और उन्होंने......गुप्तता ...से ....अपने आदमीयों का जाल निर्माण कीया था.....वो काम आ गया .... वो फोन किसका था इसका रहस्य ख़तम हो...... गया मगर एक नया रहस्य ...उनके दिमाग में घुमाने लगा......पाक हमल्ले की ये बात उस सुपर डुपर दुनियाके हायकमांड ओबामा को कैसे पता चली ...... क्या.....? .ये सोच कर उन्हें .....घबराहट महसूस होने लगी.. अपने शरीर के अन्दर ही हार्ट ओपरेशन के वक्त कोई जासूसी करने वाली और उनके सोच की छाननी कर के सीधा CIA को खबर देने वाली कम्पूटर चिप तो लगा दी नही गयी........ .. उन्हें इस बात का विश्वास हो गया, ऐसा ही कुछ हुवा होगा... ........मगर हायकमांड भी किसी सुपर डुपर हायकमांड को डरता है ये सोच क़र खुश हो गये...........और ......कम्पूटर चिप को गुमराह करने के जुगाड़ बनाने का रास्ता निकलने के काम में लग गये.......वैसे भी उन्हें नींद कंहा नसीब में थी .......बाहर सूरज निकल रहा था..... और न चाहकर...... भी.....उन्होंने रामदेवबाबा का योगा कसेट लगा क़र योगा .....करना शुरू किया...............
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