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Thursday, July 7, 2011

ये भविष्य वाणी नही ..दाहक कटु सत्य है.

भ्रूण हत्या करना कानूनन गुन्हा है, अनैतिक पाप है , ये मालूम होते हुवे भी , भ्रष्ट्र सरकार नौकरशाही , बेईमान विपक्ष और बिकाउ  मिडिया इन  लोकशाही के भक्षको ने लोकपाल कानून का गर्भ में ही खून , हत्या करने का षड्यंत्र रचा है,  ये कटु सत्य है.

आज ही शिवसेना के खासदार राज्यसभा सदस्य भारतकुमार राऊत जो खुद्द लोकशाही का  चौथा स्तम्भ कहे जानेवाले वर्त्तमान पत्र के संपादक है ,लोकशाही  का ये चौथा स्तम्भ  बिक चुका है. ... ये बात अलग  है .........  ने आज एक नयी काली चाल चलते हुवे राष्ट्रपती को ही लोकपाल बनाया जाय ये मांग की है. इस मांग के साथ राज्यकर्ता पक्ष और विपक्ष ये दोनों अन्दर से भ्रष्ट्राचार करने के पक्ष में  एक ही है ये सिद्ध हुवा है. इंडिया के राष्ट्रपती का इतिहास देखते हुवे ये मांग भ्रष्ट्राचारीयो ने खुद्द का पाप मिटाने के लिये लोकपाल कानून की गर्भावस्थामे ही हत्या करने की ये चाल चली है.




 इंडिया के राष्ट्रपती की प्रतिमा एक रबर स्टंप से ज्यादा बढ़ी नही. उन्हें कोई घटनात्मक अधिकार भी नही. कोई भी राष्ट्रपती अपने सरकारी पक्ष के  भ्रष्ट्राचारी नौकरशाह , मंत्री संत्री को सजा सुनाएगा यह मुमकीन नही  . किंबहुना इस पद के लिये राजकीय पक्ष एक ऐसा ही व्यक्ति चुनेगे जो निरुपद्रवी हो... राष्ट्रपति भवन नामक पिंजरे में सोने-चांदी का चारा खाकर आँख  पर धृतराष्ट्र की तरह काली पट्टी बांधकर बेईमान भ्रष्ट्र लोकशाही व्यवस्था की वो गुलामगिरी करे. वैसे भी परदेसी अतिमहत्वपूर्ण राजनित्ति नेता की मेहमान नवाजी करना खास कर शत्रु राष्ट्र के नबाबों की , विभिन्न देश के ऐतिहासिक स्थल की सरकारी पैसे से यात्रा करना  यही इस महामहीम राष्ट्रपती का काम रहा है. फांसी की सजा सुनाये गये आंतकवादी दहशदवादी कसाब गुरु को भी फांसी पर चढाने का हुकुम देने की भी इजाजत नही. ऐसे मे आप लोकपाल के अधिकार राष्ट्रपति को क्यों देना चाह रहे है? ये जनता नही समझे इतनी भोली नही भारत कुमारजी. .......
कृपया अपनी राय अवश्य लिखे. खुल क़र इस बात का विरोध करे. सिर्फ LIKE क्लिक मत करे....

अभी नही तो कभी भी ऐसा मोक्का नही आयेगा. और हजार दो हजार साल बाद ईन भ्रष्ट्राचारी नेता के महल मंदिर  के तहखाने से लाखो करोड़ों की संपत्ति सोना चांदी मिलेगी....... मगर हमतुम और हमारी अगली नस्ल  भुखी नंगी  कंगाल होकर ख़त्म हो चुकी होगी. ये भविष्य वाणी नही ..दाहक कटु सत्य है.

9 comments:

KInNg said...

I think it should be opposed....
In India, we have just a President as a rubberstamp in the hands of PM....
Neither he is selected by our People... "US"
So, the person whom we didnt select, cant be belived by us...
Let's get together and protest this....

प्रकाश बा. पिंपळे said...

Ekadam sahi kaha aapne. Jo rashtrapati ek saja bhi aapne dil se suna nahi sakat wo kya khak bhrashtachariyon ko saja sunyega. Lekin ek bat to tay hai ki jab tak ham log yane sabhi log inkeliye political challenge as a citizen ya fir politician bankar paida nahi karenge jyad kuch nahi hoga.

KInNg said...

This is not a wise thought....
The person who himself is so weak that his speech is also written and modified by the "prime minister"...
He has no right to say anything.... How can he be given such a huge responsibility??
Hi fakt palwat ahe bhrashtachaar lapavnyasathi..... We need to protest this...

THANTHANPAL said...

Dinesh Kadam vo to hona hi hai, kyun ki koi apane sath leke to nahi jayenga !!!
Shart ye hai ke agar vo kala dhan apane desh me chupaya hoga to milenga !!! Par agar bahar ke desh me jama kiya hoga to????

Anonymous said...

Jitendra Wagh सही है, पांच सौ साल बाद बारामती के एक महल से भी ऐसा ही गड़ा हुआ खजाना मिलेगा.
about an hour ago · Like

Anonymous said...

Dharmvir Sharma इस सिलसिले को अब रोकना बहुत ज्यादा जरूरी हो गया है.

Anonymous said...

Dharmvir Sharma इस सिलसिले को अब रोकना बहुत ज्यादा जरूरी हो गया है.

Anonymous said...

Kawal Jeet Singh Sandhu ham to kafi pahle k h chuke hai 'Corruption start from hear'. Mera to man na yeh hai ki jis be aadmi (sarkari) ko kamm nahi aata wo waha nahi rehna chahiye. Salo lag jate hai decesion lene per yeh kia ho reha hai Gandhi ji ke desh me. wo din dur nahi jab ase adami jarurat hi nahi hogi.

Anonymous said...

Ruby Zuberi Yes very true,..