Translate

Wednesday, March 16, 2011

दूसरा मालिक ... हायकमांड सरीखा विदेशी ही है..

अमेरिकी नजरिये से कैबिनेट फेरबदल? इसीलिए ओबामा और अमेरिकी सरकार   मनमोहनसिंग की इतनी तारीफ करते  है.... . मनमोहन सरकार का हायकमांड ये एक ही मालिक नही तो दूसरा भी  मालीक ..... है और वो भी भारतीय नही...... तो वो भी दूसरा मालिक  ...  हायकमांड सरीखा विदेशी ही है....अमेरिका.... मेरा भारत महान !!!!!!! है . हम दुनियाकी महाशक्ति है. इस मिटटी का भला सोचनेवाला पंतप्रधान भारत को कब मिलेगा ये भगवान भी कह नही सकता. पहले हम इंग्रज एक के ही गुलाम थे. अब हम दो के गुलाम है.




नई दिल्ली ।। विकिलीक्स के खुलासे के मुताबिक, यूपीए सरकार में 2006 के दौरान कैबिनेट का जो फेरबदल हुआ, वह भारत-अमेरिका संबंधों के नजरिये से अहम था। विकिलीक्स ने अमेरिकी राजदूत रहे डेविड सी. मलफर्ड के दस्तावेजों के हवाले से यह खुलासा किया है। इसके मुताबिक, ईरान पाइपलाइन के समर्थक मंत्री मणिशंकर अय्यर को पेट्रोलियम विभाग से हटा दिया गया और उनकी जगह अमेरिका समर्थक मुरली देवड़ा को लाया गया। कई ऐसे सांसदों को शामिल किया गया, जो भारत-अमेरिका संबंधों से खुलेआम जुड़े रहे थे।

विकिलीक्स के इस खुलासे के कारण मंगलवार को राज्यसभा में हंगामा हो गया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि 2006 में केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के जरिये अमेरिका को खुश किया गया। संसद में शून्यकाल में सीपीएम के सदस्यों ने यह मामला उठाया। बीजेपी और शिवसेना ने भी सीपीएम सदस्यों की बात से सहमति जताई।

विकिलीक्स खुलासों के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुए उस बदलाव के जरिए 'ईरान पाइपलाइन के समर्थक' अय्यर की विदाई और 'अमेरिका समर्थक' मुरली देवड़ा को पेट्रोलियम मंत्री बनाए जाने को मलफर्ड ने अहम बताया था। उन्होंने रिपोर्ट भेजी थी कि इससे यह सुनिश्चित हुआ है कि अब भारत-अमेरिका रिश्ते तेजी से आगे बढ़ेंगे। उन्होंने लिखा कि फेरबदल के नतीजे के रूप में एक ऐसा कैबिनेट मिला है जो 'भारत (और ईरान) में अमेरिकी हितों के लिहाज से कमाल का साबित हो सकता है।'

इस खुलासे पर कांग्रेस नेता अय्यर ने कहा, मुझे बता दिया गया था कि यह (पेट्रोलियम मंत्रालय) अस्थायी जिम्मेदारी है। मुझे लगा था कि मैं वहां एक या दो हफ्ते रहूंगा, लेकिन 20 महीने रह गया। जब मुझे इस अस्थायी जिम्मेदारी से हटाया गया तब कोई आश्चर्य नहीं हुआ। वहां से हटाए जाने के बाद भी मैं कैबिनेट में रहा।

अय्यर से पत्रकारों ने पूछा कि क्या उनको हटाने के लिए अमेरिकी दबाव था, इस पर उन्होंने कहा कि ' यह मुझे कैसे पता चलता ?' उधर कांग्रेस ने विकिलीक्स के खुलासे को सनसनी फैलाने वाला और अर्थहीन करार दिया है। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ऐसी टिप्पणी का जवाब देने से लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।


 http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/7711634.cms 


pawan bhardawaj, mumbai का कहना है :
16 Mar, 2011 01:19 PM
सबसे पहले तो 15 अगस्त और 26 जनवरी की सच्चाई सामने लाओ...नेहरू ने किन शर्तो पर अपने दश्तख़त किए...? सारा देश जब खिलाफ है तब भी कुछ लोगों को पैसे से खरीद कर सरकार बनाना ...!जबरन ..न्यू कीलियर ड्रील भारत के संसद मे पास करवाना ...!संसद मे नोट कांड..!�भोपाल गैस कांड,तेलगी,क्वात्रोची, कामनवेल्थ ,आदर्श,ए राजा ,हसन अली...कितने नाम लूं...!देश को ..अब भी बचा लो..बचा सको तो...! न्यू कीलियर के गीत..सरकारी खर्च पर ,अब क्यू नही बजवाते हो ...जापान को देखकर..क्या हो गया? कुछ जयचंद को जमा कर लेने से ..सत्य ! को ज़्यादा दिन तक ऩही.. दवाया जा सकता.!
इस खुलासे के बाद ये स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस देश भक्त नहीं बल्कि राजभक्तों की पार्टी है! ये राजभक्त अपनी प्रतिष्ठा के लिए अपनी माँ की बोली लगाने से डरने वालों में से नहीं हैं! इन जैसे लोगों के कारण ही हमरा देश कभी किसी का तो कभी किसी का गुलाम रहा है और इन जैसे लोग हमेश राजसुख भोगते रहे हैं! चाहे वो जागीरदार बन कर हो या फिर राय बहादुर ! और फिर मेरी मणि जी से विनम्र प्रार्थना है की यदि उन को उस पार्टी के रंग पसंद नहीं हैं जिस में वो हैं तो उस पार्टी को छोड़ दें ! क्यों कि इस पाप में उनकी भी हिस्सेदारी है और इस से वो बच नहीं सकते! उन को डाकू बाल्मिकी या डाकू उंगली माल की कहानी याद दिलाने की आवश्यकता, में नहीं समझता कि हम को है ! और मनमोहन जी आप कैसे सरदार हैं ये बात सरदारों को तो क्या जनता को भी समझ नहीं आ रही है! आप के काम उस बंदर जैसे हो गये हैं जो लोटे में हाथ डाल कर मुठ्ठी में चने भर लेता है और उस में अपना हाथ फँसा कर खुद भी फँस जाता है! सोचो... बार बार सोचो... और समझो !

sankar, mumbai का कहना है :
16 Mar, 2011 12:54 PM
देशभक्ता तो कोई भी पार्टी नही है सभी चोर हैं और धन कमाने की होड़ लगी है तो यह कहना की कांग्रेस ही सत्ता भोगी है तो भारतिया जनता पार्टी के समय मेी भी भारतिया जानतिया पार्टी भी अमेरिका के खिलाफ कभी नही रही है और कभी बीरोध नही किया है अमेरिका का और आज की रूलिंग पार्टी तो अमेरिका के पैर चाट रही है आज तो हमेरे देश में किश भी राजनीतिकी पार्टी में दम नही है सब देश के अंदर ही गुंडागर्दी करेंगे लेकिन दुश्मन देश से लड़ने के लिया नमार्द हो गये हैं चीन ने भारत की ज़मीन एप्र कब्जा किया है किसी को परवाह नही है कोई धरम के लिए राजनीति करता है कोई जाती के लिए राजनीति करता है कोई भाषा और राजाइया के लिए राजनीति करता है तो कोई कुछ भी लेकर झंझट करता है किसी को देश की नही पड़ी है ग़रीब और ग़रीब हो रहा है आमिर घराने और आमिर हो रहे हैं जनता का पैसा लूट कर खा रहे हैं

aditya verma , bhopal का कहना है :
16 Mar, 2011 12:05 AM
विकिलीक्स के ताजे खुलासों से मनमोहन की मनमोहनी छवि पर्दे के पीछे का सच धीरे-धीरे ही सही पर उजागर हो रहा है। समझ नहीं आता कि ये कैसे प्रधानमंत्री हैं, जो एक अरब की आबादी को बेवकूफ बनाते रहे। 26/11 के हमले के बाद जहां पूरा देश और दुनिया यह उम्मीद लगाये बैठी थी कि अब भारत पाकिस्तान को ईंट का जवाब पत्थर से देगा, वहीं हमारे माननीय मनमोहन सिंह जी ने लगातार बात-बात का राग आलाप कर हमारी एक अरब की आबादी वाले महान भारत देश की साख को बट्टा लगा दिया था। अब समझ आ रहा है कि यह सब अमेरिका को खुश करने के लिए किया गया था। खैर अभी तो शुरूआत है, आगे-आगे देखिये विकिलीक्स अपने प्रधानमंत्री और उनके नेतृत्व की संप्रग सरकार के बारे में क्या-क्या राज उगलता है।
D.P.Chahar, jaipur का कहना है :
15 Mar, 2011 11:04 PM
यह सत्य है मनमोहनसिंह की सोनिया सरकार भारतीय हितो के स्थान पर अमेरिका के इशारों पर अधिक ध्यान देती है इससे पूर्व कार्यकाल में कु.नटवरसिंह को भी विदेश मंत्री का पद तेल कूपन घोटाले के नाम पर इसीलिए खोना पडा था क्योकि तत्कालीन विदेशमंत्री कु.नटवरसिंह ईरान से अपेक्षाकृत सस्ती दरो पर तेल खरीद व पाईप लाइन पर वार्ता आगे बढाने के पक्षधर थे ऐसे में अमेरिकी समर्थक मि. मुखर्जी (मुरखजी) मि.चिदबरम (चीटर-रम) आदि ने एक किसान कुल के स्वाभिमानी विदेश मामलों के विशेषज्ञ को बेइज्जत कर सरकार व पार्टी से निकाला था|
(MANOJ को जवाब)
pawan, mumbai का कहना है :
16 Mar, 2011 01:30 PM तालिवान को पैदा ही भारत के खिलाफ और दबाब बनाने के लिए किया गया था...लेकिन ...हथियार ज़्यादा मिलने पर,अमेरिका को भी वह आँख दिखाने लगा..इसलिए उसका इलाज हो रहा है...इराक़ ने किसका क्या बिगाडा था.?यहाँ भी वही हो रहा है...हिंदू-मुसलमान को लडाओ..अपनी सरकार बनाओ.

No comments: