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Wednesday, June 8, 2011

.इसी लिये हम कांग्रेसी ये अनशन और धरना स्विटज़रलैंड में स्विस बैंक के सामने कराने का ठहराया है.....

इंडिया में भ्रष्ट्राचार, कालाबाजार ये आम बात है. सामान्य नागरिक से लेकर विरोधी और शासन पक्ष भी इसमे सामिल है . मगर आज ऐसा माहोल तैयार हुवा की सिर्फ कांग्रेस ही भ्रष्ट्रचारी पक्ष है और बही सब दूध के धोये साफ है. इस बारे अब पक्ष को क्या निति अपनानी चाहीये इस बारे मे पुरे भारत भर से खास कांग्रेसी सेवकों से सुझाव मंगाये गये थे ....... और इसी सुझावों का अभ्यास करनेवाली हाय कमिटी ने कुछ सुझाव हायकमांड  खास सेवको के सामने रखे .......

 ईन सुझावों में से एक खास सुझाव था..... ये सब ख़तम करने के लिये  अब वक्त आ गया है.... हम कांगेसी सदस्य को ही आमरण  अनशन पर बैठना  चाहीये..... ...ये सुनते ही जमा कांग्रेसी के पेट में दर्द बल बढ़ने  लगा......


ये सुनते ही जमा कांग्रेसी के पेट में दर्द बल बढ़ने  लगा...... दिनभर सुखेमेवे के साथ पैसा खाने की आदत जो लगी थी... . AC की ठंडी हवा बगैर तो वो रह ही नही सकते थे. ये सब छोड़ क़र तपती धुप में कोन अनशन पर बेठेगा? यह  एक मुश्किल  सवाल था?.... सब चुपचाप एक दुसरे की तरफ नजर चुराते हुवे देख रहे थे. इतने में मैडम ने कांग्रेसी चाणक्य  मुखर्जी को नज़रों से पास बुलाया . कुछ बात होने के बाद मैडम और मुखर्जी दीवाने- खास की तरफ निकल गये. ये दीवाने-खास में मैडम के सिवाय कुछ खास कांग्रेसी ही जा सकते थे. ये दरबार कैसा है ये किसी को भी मालूम नही था. मगर सब की चाह इस  दीवाने-खास   दरबार में प्रवेश करने की थी और इसके लिये कुछ भी करने को वो तय्यार थे.

सब की आँखे दीवाने-खास पर टीकी थी. सामने रखे सुकेमेवे की थाली में से मेवा खाने की भी कीसी की इच्छा नही रही. अखिर  आधे घंटे के लम्ब्बे इंतजार के बाद दीवाने-खास दरबार में से चाणक्य मुखर्जी और मैडम बाहर आ गये. मैडम और मुखर्जी के चेहरे पर मंदमंद मुस्कान थी.

मैडम ने माइक हाथ में लिया. मैडम कहने लगी. इण्डिया के स्वतंत्रता के लिये कांग्रेस का बड़ा हाथ रहा.  अनशन अहिंसा ये दोनों हथियार से कांग्रेस के महात्मा गांधीजीने एन्ग्र्जो को भारत से बाहर कीया. आज हमारे पक्ष को १२५ साल का इतिहास है...स्वतान्त्रका लढाई में हमने बहोत त्याग कीया.... इतना ही नही बादमे भी इंदिरा गाँधी, मेरे पति राजीव गाँधी ने भी बलिदान देश के लिये दीया...  कीसी और के पक्ष के लोगोने देश के लिये जान दी क्या??? क्यों नही दी जान ? आज भ्रष्ट्राचार और काले पैसे के लिये ये विरोधी पक्ष आण्णा हजारे  रामदेव बाबा को सामने करते हुवे हमारी सरकार गिरना चाहती है... इसके पीछे विदेशी देश का हाथ है... उन्होंने कांग्रेस का ही मार्ग अपना क़र इस देश में असंतोष फ़ैलाने का षड्यंत्र बनाया... मगर हम हटेंगे नही... इसका मुकाबला करेंगे. इसी लिये हमें भी अनशन और धरना आंदोलन की राह पर चलाना पड़ेगा ... और मेने तय कीया हम भी आमरण अनशन पर बैठ क़र धरना करेंगे और काला धन और भ्रष्ट्राचार के मामले में हम भी जनता के साथ है ये दुनिया को दिखा देंगे... मगर इस से हमारे देश को खतरा होगा ,,....इसी लिये हम कांग्रेसी ये अनशन और धरना स्विटज़रलैंड  में स्विस बैंक के सामने कराने का ठहराया है..... इससे एक अनशन में अनेक बाते होगी.... जनता को हम साथ है इसका विशवास होगा.... और पुरे जग में ये पहला मौका होगा...   .....जंहा सरकार ही अनशन धरना जनता के लिये क़र रही है.... सभी जमा लोगोने ख़ुशी से तालियाँ बजाई और वो इस अनशन के लिये तुरंत तय्यार हुवे......
मैडम हैरान हुवी की ये अनशन की बात ख़ुशी ख़ुशी से कैसे मान ली गई. उनके कुछ समज में नही आ रहा था.  मगर प्रणव दा को इसका राज मालूम था .. स्विस में जाके वंहा अनशन के साथ अपना काला धन भी वंहा से हटाने का इससे अच्छा मौका कब मिलेगा. जय हो काला धन जय हो  जय हो भ्रष्ट्राचार . जय हो.  

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