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Wednesday, April 16, 2014

'मेरे पिता के साथ विश्वासघात हुआ'......

RBI के गव्हर्नर , अर्थमंत्री पद और १० साल पंतप्रधान पद मनमोहनसिंग ने संभाला। भारत के किसी भी नागरिक को ऐसा सन्मान नहीं मिला। इसके बदले में महान अर्थशास्त्री अर्थमंत्री पं

 सिर्फ भ्रष्ट्राचार , बेईमानी , चोरी लुटरु की व्यवस्था. गॅस दाम दुगने करने की अम्बानी को सवलत। साथी मंत्री भ्रष्ट्राचार में लिप्त थे तब आँख मिटाकर पद का दुरुपयोग करने की खुली इजाजत । कोयला मंत्रालय तो इनके पास ही था। फिर भी,  वो मै नहीं ये आप कैसा कह सकते । 
खेल में बेईमानी , स्पेक्ट्रम में बेईमानी फिर भी कौरव के पिता धृतराष्ट्र की तरह आंधे होने का ढोंग करते हुवे मुझे कुछ मालूम नहीं ऐसी नौटंकी करते रहे। छुट्टियां नहीं ली ये कोई बहना है। जितना बड़ा पद होता उतना ज्यादा काम भी करना पड़ता ध्यान में रहे। मंदी में आये अमेरिका के उद्योग के फायदे के लिए भारत के साथ अणु करार करवाने के लिए राजीनामा देने की धमकी दी, मगर भ्रष्ट्राचार के खिलाफ राजीनामा देने की कोंग्रेसियों को इन्होने कभी धमकी नहीं दी। अब पोल खुल गई तो आप मगरमच्छ के आँसु क्यों बहा रही हो। इतिहास कभी माफ़ नहीं करेगा।
http://navbharattimes.indiatimes.com/election-news/unethical-betrayal-prime-minister-manmohan-singhs-daughter-voices-family-anger/election2014articleshow/33767959.cms

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