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Sunday, March 14, 2010

महिलांच्या आरक्षणाचे राजकारण सुरु केले. दोन दिवस टी व्ही वरून जगाला संसदेचा तमाशा दाखवल्यावर बिल पास झाले.

फसलेल्या आर्थिक नियोजनामुळे वाढलेली महागाई,पाकचा दहशदवाद आणि चीनचे आक्रमण या मुळे जनतेचा सरकार वरील विश्वास उडाला जनता त्रासून गेलेली आहे. त्याच बरोबर या दोन मुद्दयावर विरोधी पक्ष कधी नव्हे ते एकत्र आले, त्यांनी सरकारची कोंडी करण्यास सुरुवात केली.विरोधी पक्षांनी एकत्रित येणे नुकसानकारक झाले होते. या सर्व त्रासा पासून मुक्त होण्या साठी कॉन्ग्रेंस ने मग राजकारण सुरु केले. 14 वर्ष थंड बस्त्यात पडलेल्या महिला आरक्षण चे अस्त्र ( बाटलीतील भूत) बाहेर काढले गेले. पुरोगामित्व सिद्ध करण्या साठी या बिलाला पाठींबा देणे कांही जणांना  भाग पडले.तर महिलांच्या मत बँकेवर कॉंग्रेस डल्ला मारत आहे हे भाजपला मान्य होणे नव्हते. मुलायम,लालू यांनी मग मुस्लीम, पिछड्या जातींच्या महिलांच्या आरक्षणाचे राजकारण सुरु केले. दोन दिवस टी व्ही  वरून जगाला संसदेचा तमाशा दाखवल्यावर बिल पास झाले. ते होणारच होते. पण तमाशात जी मज्जा आली ती आली नसती. आणि या गोंधळात जनतेच विरोधी पक्षाचं महत्वाच्या प्रश्ना वरून लक्ष संपवण्यास सरकार यशस्वी झाले. 8  दिवस महिला दिन , महिला आरक्षण चर्चेचे गुरहाळ  करण्यास मिडिया मोकळी झाली. हा विषय संपतासंपता   IPL चा नवा तमाशा सुरुझाला .....
या सर्व गोष्टी वरून जनतेचे लक्ष्य  दुसरीकडे वळविण्यासाठी सरकार ने या विधायाकाचा दुरुपयोग  केला .vp सिंग यांनी जसा मंडल आयोग किंवा राजीव गांधी यांनी  The Muslim Women (Protection of Rights on Divorce) Act 1986  दुरुपयोग केला महिला . कॉंग्रेस एकीकडे संसदेत महिला आरक्षणाचे राजकारण करत असताना दुसरीकडे काश्मीर मध्ये महिलांनी  भारतातील दुसऱ्या राज्यातील पुरुषा बरोबर लग्न केले तर त्यांचे काश्मिरी नागरिकत्व नष्ट करण्याचे आणि काश्मीरला भारता पासून अलग करण्याचे  घातक  राजकारण करत होती.
या आरक्षणाने सरपंचाचा कारभार जसा त्यांचे नवरे सांभाळतात तसेच होणार आहे नेतांच्या घरातील राबडीदेवी निवडून येतील आणि लालू सारखे भ्रष्ट्रा नेते राज करतील 
चलते-चलते - महात्मा गांधी की प्रतिमा के आगे सांसद बैठकर धरना दे रहे थे. ये वही सांसद थे जिन्होंने राज्य सभा में सभापति के हाथों से महिला आरक्षण बिल की प्रतियां छीन कर फाड़ दी थीं. महात्मा गांधी भी इस नौटंकी को देखकर आंसू बहा रहे होंगे.


खबर आ रही थी कि पीडीपी एक बिल ला रही है जम्मू कश्मीर विधानसभा में, जिसके अनुसार जम्मू-कश्मीर की महिलाओं की नागरिकता दूसरे प्रदेश में शादी करने पर खत्म हो जायेगी. इस बिल का समर्थन कांग्रेस और ने०का० ने किया है और भाजपा ने इसका विरोध किया है. क्या देश है हमारा, एक देश के अन्दर दूसरा देश. जहां तक मेरी छोटी सी बुद्धि कहती है कि नागरिकता किसी देश की होती है, प्रदेश की नहीं. भतीजा जो काम महाराष्ट्र में कर रहा था, उससे कहीं अधिक घातक कार्य जम्मू-कश्मीर के नेता कर रहे हैं, लेकिन इस पर सब ने चुप्पी साध रखी है. शायद यही सब कारण देश को फिर विखंडन के कगार पर ले जायेंगे, लेकिन बस एक वोटों की पट्टी है जो हमारे नेताओं को कुछ देखने नहीं देती. सत्तालोलुप नेताओं याद रखो देश से ही सब कुछ है, जब देश ही न बचेगा तो नेतागिरी करने कहां जाओगे

Thursday 11 Mar, 2010 08:35 AM जम्मू, जम्मू-कश्मीर में गैरप्रांतीय युवक से विवाह करने पर महिलाओं से राज्य की नागरिकता छीनने के प्रस्ताव वाला विधेयक विधान परिषद में पेश किए जाने से बवाल मच गया है। भाजपा और पैंथर्स पार्टी ने सदन के अंदर और बाहर बिल के पुरजोर विरोध का ऐलान किया है। भगवा संगठनों विहिप, दुर्गा वाहिनी, मातृ शक्ति ने सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है। वहीं, वकीलों ने इसके विरोध में गुरुवार से अदालतों में कामकाज ठप करने की घोषणा की है। जम्मू कश्मीर विधान परिषद में राज्य की महिलाओं के अधिकार छीनने वाला यह विधेयक महिला दिवस के एक दिन पहले यानी आठ मार्च को पेश हुआ। राज्य के प्रमुख विपक्षी दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधायक मुर्तजा खान ने प्राइवेट मेम्बर बिल पेश किया, जिसमें कहा गया है कि अगर जम्मू-कश्मीर की महिला बाहरी राज्य के नागरिक से शादी करती है तो उसका स्टेट सबजेक्ट (नागरिकता) रद कर दिया जाए। सरकार ने कहा कि उसे बिल पेश किए जाने पर कोई ऐतराज नहीं है। यदि यह बिल पारित हो जाएगा तो गैर प्रांतीय व्यक्ति से विवाह करने वाली महिलाएं संपत्ति और सरकारी नौकरी पाने से वंचित हो जाएंगी। विधानसभा सत्र के दौरान यह मुद्दा तूल पकड़ेगा। ज्ञात हो, पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के कार्यकाल में भी इस तरह के विधेयक से पूरे देश में बवाल मच गया था।
उस समय विधान परिषद में इस पर वोटिंग नहीं हो पाई थी। 


जम्मू-कश्मीर : महिलाओं के हक पर कुठाराघात की तैयारी
12    मार्च ,  2010
श्रीनगर। केंद्र सरकार जहां महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए संसद में आरक्षण बिल पास करनवाने की मशक्कत कर रही है, वहीं जम्मू-कश्मीर में महिलाओं के हक छीनने की तैयारी हो रही है। पीडीपी के एक विधायक मुर्तजा खान ने विधान परिषद में एक बिल पेश किया है। अगर यह बिल पास हो जाता है तो देश के अन्य राज्यों में शादी करने वाली महिलाओं की राज्य की नागरिकता खत्म जाएगी।
इस बिल का समर्थन कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने भी किया है इसलिए इसका पारित होना तय माना जा रहा है। एकमात्र भारतीय जनता पार्टी ने इस बिल का विरोध करने का फैसला किया है। इसके अलावा जम्मू बार एसोसिएशन ने भी इस बिल के विरोध में गुरूवार को दिनभर कामकाज ठप रखा। भाजपा विधायक अशोक खजुरिया कहते हैं कि भाजपा ऎसे बिल को कभी भी नहीं लाने देगी। यह बिल हर तरह से डिफिट हो, ऎसी व्यवस्था होगी।
जम्मू-कश्मीर को धारा 370 के तहत विशेष दर्जा प्राप्त है और इस धारा के तहत ऎसा प्रावधान है कि यहां पर बाहरी राज्यों के किसी व्यक्ति को नौकरी और जमीन नहीं मिल सकती, क्योंकि यहां पर स्थाई नागरिकता प्रमाण जरूरी है। राज्य की विधानसभा में ऎसा बिल पहली बार पेश नहीं हो रहा है, इससे पहले भी महिलाओं की नागरिकता खत्म करने का बिल कई बार पेश किया जा चुका है, मगर उन्हें सफलता नहीं मिल सकी थी। मगर इस बार यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है कि सरकार से भी इस बिल को समर्थन मिल गया है।


चलते-चलते - महात्मा गांधी की प्रतिमा के आगे सांसद बैठकर धरना दे रहे थे. ये वही सांसद थे जिन्होंने राज्य सभा में सभापति के हाथों से महिला आरक्षण बिल की प्रतियां छीन कर फाड़ दी थीं. महात्मा गांधी भी इस नौटंकी को देखकर आंसू बहा रहे होंगे.

दूसरे राज्य में शादी करने पर छिनेगी कश्मीर की नागरिकता!

TimeFri, Mar 12, 2010 at 09:27 , Updated at Fri, Mar 12, 2010 देश सेक्शन
Tagsटैग: jammu, citizenship, pdp | 1 कमेंट्स
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जम्मू बार एसोसिएशन ने भी इस बिल के विरोध में गुरुवार को दिन भर कामकाज ठप रखा।
जम्मू बार एसोसिएशन ने भी इस बिल के विरोध में गुरुवार को दिन भर कामकाज ठप रखा।
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श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में महिलाओं के हक को छीनने की तैयारी हो रही है। पी़डीपी के एक विधायक मुर्तजा खान ने विधान परिषद में एक बिल पेश किया है। अगर ये बिल पास हो गया तो फिर जम्मू कश्मीर की महिला अगर दूसरे राज्य में शादी करती है तो फिर उसकी राज्य की नागरिकता खत्म हो जाएगी। इस बिल का समर्थन कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी किया है।
हालांकि बीजेपी ने इस बिल का कड़ा विरोध करने का फैसला किया है। इसके अलावा जम्मू बार एसोसिएशन ने भी इस बिल के विरोध में गुरुवार को दिन भर कामकाज ठप रखा। भाजपा विधायक अशोक खजुरिया कहते हैं कि भाजपा ऐसे बिल को कभी भी नहीं लाने देगी। यह बिल हर तरह से डिफिट हो ऐसी व्यवस्था होगी।
जम्मू कश्मीर में धारा 370 के चलते ऐसा प्रावधान है कि यहां पर बाहरी राज्यों के किसी व्यक्ति को नौकरी और जमीन नही मिल सकती क्योंकि यहां पर स्थायी नागरिकता प्रमाण जरूरी है हालांकि महिलाओं की नागरिकता को खत्म करने का बिल पहले भी कई बार पेश किया जा चुका है लेकिन ये पास नहीं हो पाया। इस बार ये मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार ने भी इस बिल का समर्थन कर दिया है।

Bill seeks end to J&K women's right to marry non-residents
Ishfaq-ul-Hassan / PTI
Tuesday, March 9, 2010 23:42 IST
Srinagar: The Jammu and Kashmir (J&K) state legislative council has admitted a controversial bill which
The J&K Permanent Residents (Disqualification) Bill 2010 was moved by the opposition People’s Democratic Party’s (PDP) Murtaza Ahmad Khan in the Upper House in Jammu on Monday.
The private member’s bill will come up for discussion and vote in the next session in Srinagar.
The bill seeks to provide that a female permanent resident after her marriage, or a non-permanent resident female on termination of her marriage shall lose the status of a permanent resident.
In 2004, a similar legislation had sailed through in the legislative assembly, but failed in the Upper House after Congress, then an alliance partner of the PDP, backed out following a national outcry.
The legislation was prompted by a high court judgment in State of J&K versus Dr Susheela Sawhney case which held that there is no provision in the existing law dealing with the status of a female permanent resident who marries a non-permanent resident.
Under present laws, J&K women who marry a non-resident are allowed to inherit property, apply for jobs and contest elections. If the legislation is passed, they will lose most of the privileges.
http://incitizen.blogspot.com
--
Thanks & regard,

Thanthanpal,
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http://www.thanthanpal.blogspot.com

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