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Saturday, July 26, 2014

सस्पेंडेड कॉफ़ी : Suspended Coffee


सस्पेंडेड कॉफ़ी : Suspended Coffee

इसे मैंने फेसबुक पर पढ़ा. अच्छा लगा इसलिए हिंदी अनुवाद करके यहां लगा रहा हूं.

“मैं अपने एक मित्र के साथ एक छोटे कॉफीहाउस गया और हमने अपना ऑर्डर दिया. जब हम अपनी टेबल की ओर जा रहे थे तब मैंने देखा कि दो लोग आए और उन्होंने काउंटर पर जाकर कहा: ‘तीन कॉफी. दो हमारे लिए और एक सस्पेंडेड कॉफी’, उन्होंने पैसे दिए और दो कॉफी लेकर चले गए.

मैंने अपने मित्र से पूछा, “ये सस्पेंड कॉफी क्या होती है?” उसने कहा, “देखो, अभी पता चल जाएगा.” कुछ और लोग वहां आए. दो लड़कियों ने कॉफी ली और पैसे देकर चलती बनीं. अगला ऑर्डर तीन वकीलों ने दिया – अपने लिए तीन कॉफी और बाकी दो सस्पेंडेड. मुझे सस्पेंडेड कॉफी का चक्कर समझ में नहीं आ रहा था. मौसम बहुत खुशगवार था और मैं कॉफीहाउस की खिड़की से बाहर चौराहे का सुंदर नज़ारा देख रहा था. तभी मैले कपड़े पहने एक गरीब आदमी भीतर आया और उसने काउंटर पर बैठे मैनेजर से बड़ी उम्मीद से पूछा, ‘क्या कोई सस्पेंडेड कॉफी है?’  

मैं समझ गया कि लोग अपनी ओर से कीमत अदा करके उन व्यक्तियों के लिए कॉफी का इंतजाम कर रहे थे जो गरीब होने के कारण कॉफी नहीं खरीद पाते. सस्पेंडेड कॉफी खरीदने का यह दस्तूर नेपल्स में शुरु हुआ लेकिन अब यह दुनिया में दूर-दूर तक फैल चुका है और लोग सस्पेंडेड कॉफी ही नहीं बल्कि सैंडविच या पूरा खाना भी ऑर्डर करते हैं. कितना अच्छा हो यदि दुनिया के हर शहर और कस्बे में ऐसे रेस्तरां या ऐसी राशन की दुकानें भी हों जहां कोई जाकर किसी ज़रूरतमंद की मदद कर सके… उसे थोड़ी खुशी दे सके. (~_~)

http://hindizen.com/2014/07/24/%E0%A4%B8%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%AA%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A5%87%E0%A4%A1-%E0%A4%95%E0%A5%89%E0%A4%AB%E0%A4%BC%E0%A5%80-suspended-coffee/

Thursday, July 24, 2014

महाराष्ट्र सदन दिल्ली छगन भुजबळांचे हे लाडके अपत्य

उभारणीच्या काळा पासूनच सतत वादाच्या भोवऱ्यात सापडलेल्या छगन भुजबळांचे हे लाडके अपत्य रागाच्या भावनेच्या भरात झालेल्या प्रकरणात आणखी वादात सापडले आहे . त्याचा राजकीय गैरफायदा घेण्यात आपले बेईमान राजकारणी टपलेलेच असतात आणि तेच झाले .
आता तर वादात पाकिस्तानातून मुंबई हल्ल्याचा मास्‍टरमाइंड हाफिज सईद याने ही उडी मारली आहे . मतांचे राजकारण जोरात सुरु आहे .
 महाराष्ट्र सदनात महाराष्ट्रीयन जेवण मिळावे ही मागणी नक्कीच गैरवाजवी नाही . आणि या सदनात महाराष्ट्रीयन माणसा पेक्षा up , बिहार च्या लोकाची जास्त बडदास्त ठेवली जात होती , नवीन महाराष्ट्र सदनात निवासी आयुक्त बिपीन मलिक खासदारांना जाणीवपूर्वक वाईट वागणूक देतात मलिक यांना मुख्यमंत्र्यांचे समर्थन आहे . हा विषय एक महिन्या पासून पेटलेला होताच त्यात ही ठिणगी आणि आग जास्तच भडकली . समोर विधान सभेच्या निवडणुका आहेत त्या डोळ्या समोर ठेऊन प्रत्येकजण आपली पोळी भाजून घेईल .